लोक देवता ऐसे महा पुरुषो को कहा जाता हे जो मानव रूप में जन्म लेकर अपने असाधारण और लोकोपकारी कार्यो के कारन देविक अंश के प्रतीक के रूप में स्थानीय जनता द्वारा स्वीकार किये गये है।
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भारत विभिन्न धर्मों का संगम स्थल है जो इसकी सांस्कृतिक एकता का प्रतिरूप हैं । राजस्थान की लोक गाथाओं में असंख्य देवी देवताओं की कथा सुनने में आती है,लोक देवता ऐसे महा पुरुषो को कहा जाता हे जो मानव रूप में जन्म लेकर अपने असाधारण और लोकोपकारी कार्यो के कारन देविक अंश के प्रतीक के रूप में स्थानीय जनता द्वारा स्वीकार किये गये है। राजस्थान में रामदेवजी, भेरव, तेजाजी, पाबूजी, गोगाजी, जाम्भोजी, जिणमाता, करणीमाता आदि सामान्य जन में लोकदेवता के रूप में प्रसिद्ध है। इनके जन्मदिन अथवा समाधि की तिथि को मेले लगते है। राजस्थान में भादो शुक्ल दशमी को बाबा रामदेव और सत्यवादी जाट वीर तेजाजी महाराज का मेला लगता है। लोक देवता ऐसे देवता, राजा, सन्त, प्रसिद्ध या ऐतिहासिक व्यक्ति हैं जिनकी किसी क्षेत्र विशेष में मान्यता है। लेकिन पूरे भारत में वे ठीक से नहीं जाने जाते हैं। सत्यवादी जाट वीर तेजाजी महाराज, राजस्थान में लोक देवता और संतोंकी जन्म एवं कर्म स्थली के लिए प्रसिध्द है।
लेखक एवं संकलन कर्ता: पेपसिंह राठौड़ तोगावास
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